16. छोटे-छोटे सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं| Farmer Motivational Story in Hindi.


Farmer Motivational Story in Hindi
छोटे-छोटे सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं


दोस्तों अपनी जिंदगी में अगर आप सफ़लता का मार्ग चाहते हैं तो आप किसी के ऊपर निर्भर मत रहो क्योंकि किसी ने यह बात सही कही है कि जीवन में केवल वहीं व्यक्ति सफल होते हैं जो अपनी लगन और कठिन परिश्रम से काम करते हैं|

अगर आप किसी के भरोसे रहे तो उसमे आपको ही आगे जाकर परेशानी होगी| दोस्तों आज का हमारा यह Motivational Article एक ऐसी ही कहानी से संबंधित है तो आइए दोस्तों इसे पढ़ते हैं और अपने आप को अपनी लगन और कठिन परिश्रम से सफ़लता पाने के लिए प्रेरित (Motivate) करते हैं-

‌एक बार कि बात है एक राज्य में एक किसान के परिवार में एक लड़का पैदा हुआ| किसान के घर में जश्न मनाया गया| किसान ने उसका पालन पोषण बहुत अच्छे से किया| धीरे-धीरे समय बीतता गया और किसान का बेटा जवान हो गया|

अब किसान यह सोचता था कि वह अपने लड़के को अपने साथ खेती के लिए लेकर जाऊँगा और उससे आगे का खेती का काम करवाऊंगा| परन्तु किसान का बेटा कुछ अलग ही सोच का था| उसकी यह सोच थी कि वह राजा के यहाँ सैना की फ़ौज में काम करे|

जब उसने यह बात अपने पिताजी को बताई तो उसके पिताजी इसके लिए मान गए| वह इस पर गुस्सा नहीं हुए  और उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि तुमने मुझसे इस के बारे में बताया| अगली सुबह वह तलवारबाज़ी सीखने के लिए गया|

परंतु उससे तलवारबाजी नहीं हुई और वह इस बात से परिचित हो गया कि सेना में उसकी नौकरी नहीं हो सकती है| लेकिन वह जिद्दी था, वह इस बात पर अड़ गया कि मैं जाऊँगा तो सेना में ही| जब उसे यह पता चला कि इस राज्य का नया सेनापति अपने ही रिश्तेदार का दोस्त है|

‌उसने अपने माता-पिता को यह कहा कि वे अपने उस  रिश्तेदार के पास जाए और मुझे सेना में भर्ती करने के लिए कहे| उसके माता पिता गए और उन्होंने उस रिश्तेदार के पास जाकर सारी बात बतायी| उस रिश्तेदार ने उस सेनापति को सारी बात बतायी और उसे सेना में शामिल करने के लिए कहा|

सेनापति ने उसे फौज मे शामिल कर लिया| परन्तु सेना में उसका प्रवेश चोरी से हुआ| वह सेना में शामिल तो हो गया पर ना तो उसे तलवारबाजी आती थी ना ही कुछ सेना का काम| सेनापति ने उसे नीचे पद पर रखा, जिसे बहुत कम युद्ध में उतारा हाता था|

परंतु एक समय ऐसा आया कि पड़ोसी राज्य ने उस राज्य में हमला कर दिया और ऐसी नौबत आ गई कि राजमहल के जितने भी सेना थे सभी को युद्ध के लिए मैदान मे उतारा गया| उस लड़ाई में उस सेना को भी लेकर जाया गया जिसमें वो किसान का बेटा भी था|

जब लड़ाई समाप्त हुई तो सभी को यह पता चल गया कि सेनापति ने किसको सेना मे रख लिया हैं जिसे तलवारबाजी तक नहीं आती| उसकी जान खुद दो-तीन सिपाहियों ने बचाई| सब सेनापति के ऊपर भड़कने लगे अब सेनापति को बहुत गुस्सा आया और उसे अपनी गलती पर अफ़सोस भी हुआ|

अब सेनापति ने उससे कहा कि वह द्वारपालक बन जाए और बस महल के आगे बैठे रहे और पहरा दे| लड़के को बहुत बुरा लगा जब सेनाओं ने और सेनापति ने उसे डाटा तो| अब उसे यह लगने लगा कि अगर मेरी पहुँच राजा तक होती तो बहुत अच्छा होता|

इस सोच में वह द्वारपालक की नौकरी करने लगा कि उसकी कभी ना कभी राजा से मुलाकात होगी और वो उनसे अपने लिए कुछ अच्छा काम माँग सके| अब वह रोज रात में वहाँ पहरा देता था| धीरे-धीरे समय बीतता गया और सर्दियों का मौसम आया|

उसके पास ज्यादा पैसे तो नहीं थे क्योंकि अब वह छोटी सी नौकरी करता था| वह रोज सर्दियों में कांपते और ठिठुरते हुए काम किया करता था| एक समय ऐसा आया कि एक बार महाराजा रात में वहाँ से महल में प्रवेश कर रहे थे|

उस दिन राजा जी के साथ में सैनिक काम थे| इस कारण उनकी नजर उस द्वारपालक पर गयी जो सर्दी से ठिठुर रहा था| राजा सहाब उसके पास गए और उसने पूछने लगे कि आपको ठंड नहीं लगती क्या जो आप इतनी ठंड में इन बेकार और गंदे कपड़ों को पहन रखे हो|

या फिर आपकी कोई और समस्या हैं| ऐसा कहते हुए राजा ने उससे उसकी समस्या जाननी चाही| अब उसको ऐसा लगने लगा कि उसकी जिंदगी में अब वो समय आ गया हैं| जिसका वह इतने दिनों से इन्तजार कर रहा था|

उसने राजा से वह सब बताया जो उसके साथ हुआ और उसने  कहा कि उसे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है| राजा ने उसकी मजबूरी को समझा और उससे कहा कि तुम अभी मेरा इन्तजार करना|

मैं तुम्हारे लिए एक कंबल रात गुजारने के लिए भेजता हूँ| यह कहकर राजा अंदर चले गए| परन्तु राजा तो थे बड़े आदमी वह अंदर गए और अपना किया हुआ वादा भूल गए|  

सुबह एक सैनिक राजा के पास आया और उसने राजा को यह समाचार बताया कि महाराज आपने जिस द्वारपालक से रात में कंबल के लिए वादा किया था|

उस सैनिक की रात मे ठंड की वजह से कांपते- कांपते मृत्यु हो गयी| राजा को दुख हुआ और राजा उस को देखने भी गए| परंतु उन्हें इस बात का कोई भी फर्क़ नहीं पड़ा| उस मरे हुए द्वारपालक के पास से राजा को

एक पत्र मिला जिसमें लिखा हुआ था कि महाराजा में रोज रात में ठंड में फटे और गंदे कपड़ों में यहाँ काम करता था| परंतु कल रात जो आपने मुझसे वादा किया कि मैं आपको गर्म कंबल लाकर दूँगा| उससे मुझे पता नहीं क्यूँ और ठंड लगने लगी और मैं सिर्फ उस कंबल के इन्तजार में सिकुड़ता रह गया और इसी कारण मुझे लगने लगा कि आज मेरा आखिरी दिन हैं और फिर उसकी मृत्यु हो गयीं|

यह छोटी सी कहानी दोस्तों हमें यह सीख देती हैं कि यह छोटे-छोटे सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं और इंसान को किसी काम का नहीं छोड़ता| इसलिए दोस्तों केवल वहीं काम करे जो आपके योग्य हो और कभी किसी के सहारे उस काम को करने की कोशिश ना करे जिस काम में आप निपुण ना हो|

यह छोटी से कहानी हमने ये सीख देती हैं कि जिंदगी में अहंकार का कोई महत्व नहीं होता जो अहंकारी होते है उन्हें मरने के बाद कोई नहीं पूछता|

दोस्तों, ‘आपको हमारा यह आर्टिकल छोटे-छोटे सहारे इंसान को खोखला कर देते हैं| Farmer Motivational Story in Hindi. कैसा लगा आप हमें कमेंट करके बताए और हमारे इस आर्टिकल को शेयर और लाइक करना ना भूले|

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Sanjana