

शिवाजी महाराज युद्ध के कुशल रणनीतिकार हैं और यह भारत के एक महान योद्धा थे| शौर्य और साहस की मूर्ति भारत के वीर पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज एक महान देशभक्त भी थे,वह अपनी प्रजा के प्रति बहुत ही दयालु की भावना रखते थे| इन्हीं सब कारणों से उन्हें मराठा साम्राज्य की नीव रखने के लिए उन्हें “छत्रपति” की उपाधि से नवाजा गया हैं|
दोस्तों! तो आइए जानते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के अनमोल विचारों को जो इस प्रकार हैं- छत्रपति शिवाजी महाराज के अनमोल विचार| Best 21 Shivaji Maharaj Anmol Vichar in Hindi.
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-1
हमें अपने शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए और अपने से बलवान समझकर भयभीत भी नहीं होना चाहिए|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-2
कभी भी अपना सर नहीं झुकाना चाहिए बल्कि हमेशा ऊँचा ही रखना चाहिए|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-3
यद्दपि तलवार तो किसी के हाथ में भी हो सकती हैं,लेकिन साम्राज्य तो वही स्थापित कर सकता हैं जिसमें इच्छा शक्ति होती हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-4
यह जरूरी नहीं हैं की विपत्ति का सामना दुश्मन के सम्मुख से करने में वीरता हैं,वीरता तो हमेशा विजय विजय में ही निहित होती हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-5
इस दुनिया में हर व्यक्ति को स्वतंत्र रहने का अधिकार हैं और उस अधिकार को पाने के लिए वह किसी से लड़ सकता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-6
यह जरूरी नहीं की गलती करके ही कुछ सीखा जाए,दूसरों की गलती से भी सीख लेते हुए कुछ सीखा जा सकता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-7
एक छोटे कदम से छोटे से लक्ष्य की शुरुआत भी बड़े-बड़े लक्ष्य को भी आसानी से पा सकते हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-8
जो व्यक्ति अपने आत्मबल को जान सकता हैं,खुद को जान सकता हैं,मानव जाति के कल्याण की सोच रखता हैं वही पूरे विश्व पर राज कर सकता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-9
जो व्यक्ति धर्म,शक्ति,सत्य श्रेष्ठता और ईश्वर के सामने झुकता हैं,उस व्यक्ति का आदर समस्त संसार में किया जाता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-10
जीवन में हमेशा अच्छे दिन नहीं रह सकते हैं जिस प्रकार दिन के बात रात आती हैं ठीक उसी प्रकार सुख के बाद दुःख आते ही आते हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-11
आपका शत्रु चाहे कितना भी बलवान क्यों ना हो? उसे सिर्फ मजबूत इरादों और बुलंद हौसले से ही हराया जा सकता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-12
एक वीर योद्धा हमेशा विद्वानों के सामने ही झुकता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-13
हर इंसान को सबसे पहले अपने राष्ट्र,फिर गुरु,माता-पिता के तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-14
जब लक्ष्य जीत ही बनाया जाता हैं तो उस जीत को हासिल करने के लिए कठिन से कठिन परिश्रम और किसी भी कीमत को चुकाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-15
एक सफल व्यक्ति अपने कर्तव्य की पराकाष्ठा के लिए सम्पूर्ण मानव जाती की चुनौती स्वीकार कर लेता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-16
किसी भी कार्य को करने से पहले उसके परिणाम को सोच लेना ही बेहतर होता हैं क्योंकि आने वाली पीढ़ी आपकी ही अनुसरण करती हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-17
आप जहाँ कही भी रहते हैं आपको अपने पूर्वजों का इतिहास जरूर मालूम होना चाहिए|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-18
एक स्त्री के सभी अधिकारों में सबसे महान अधिकार किसी की माँ होने में हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-19
जब पेड़ इतना दयालु हो सकता हैं कि पत्थर मारने पर फल देता हैं,तो एक राजा होने के नाते मुझे उस पेड़ से भी अधिक दयालु होना और सबका हितैषी होना चाहिए|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-20
जो व्यक्ति सिर्फ अपने देश और सत्य के सामने झुकते हैं उनका आदर सभी जगह होता हैं|
Shivaji Maharaj Anmol Vichar-21
जरूरी नहीं हैं की दुश्मन से लड़कर ही लड़ाई जीती जा सकती हैं, बल्कि उससे बिना लड़े भी जीत हासिल की जा सकती हैं|
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Sanjana Singh
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