

दोस्तों, बिहार एक ऐसा राज्य हैं जहां एक से एक टैलेंट पाया जाता है| ज्यादातर बिहार के विद्यार्थी आगे जाकर आईएएस और आईपीएस बनते हैं| दोस्तों हमारा आज का Article बिहार के मैट्रिक टॉपर हिमांशु राज पर हैं| तो आइए, दोस्तों देखते है कि उन्होंने कैसे मैट्रिक की परीक्षा की तैयारी की और उसमें कैसे सफलता पायी|
नाम – हिमांशु राज
पिता का नाम- सुभाष सिंह
माता का नाम- मंजू देवी
हिमांशु के पिता जी बिक्रमगंज के तटवार बाजर में सब्जी बेचते हैं| उनकी माता जी कुशल गृहणी हैं| हिमांशु की एक बहन भी हैं| जिन्होंने पिछले साल ही प्रखंड में टॉप किया था और अब खुद हिमांशु ने प्रखंड नहीं बिहार में टॉप किया हैं|
कहाँ के निवासी हैं हिमांशु?
बिहार टॉपर हिमांशु राज रोहतास जिले के दिनारा प्रखंड के तेनुअज पंचायत के नटवार कला गाँव वार्ड नंबर- 10 के निवासी हैं|हिमांशु राज एक छोटे से परिवार से संबंध रखते हैं| उसके पिता जी किसान हैं और वह अपनी खेतीबाड़ी से उगी हुई सब्जियों को मार्केट में बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं| हिमांशु की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी कि वह एक हाई प्रोफाइल की लाइफ जीवन जी सके या शिक्षा ग्रहण कर सके|
फिर भी दोस्तों उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और बहुत कड़ी मेहनत की और पूरे दिल से पढ़ाई की| जिसका अन्जाम आज पूरी दुनिया के सामने हैं कि वह बिहार राज्य के टॉपर बन चुके हैं| अर्थिक तंगी से लड़कर हिमांशु ने आज अपना अलग ही मुकाम बना लिया हैं|
कितने अंक प्राप्त किए हैं?
बिहार बोर्ड का रिजल्ट घोषित कर दिया गया हैं| रोहतास जिले के हिमांशु राज बिहार टॉपर बने है| हिमांशु को 500 अंक में से 481 अंक प्राप्त किए हैं| 481 अंक यानि कि 96.20% पाकर हिमांशु ने बिहार में पहला स्थान प्राप्त किया हैं|
बिहार में कितने विद्यार्थियों ने मैट्रिक परीक्षा में भाग लिया था?
दोस्तों इस बार बिहार बोर्ड में 14 लाख 94 हजार 71 विद्यार्थी सम्मलित हुए थे| इनमें से 7 लाख 29 हजार 213 छात्राएं थी और 7 लाख 64 हजार 858 छात्र थे| जिन्होंने मैट्रिक की परीक्षा दी थी|
बिहार में कितने विद्यार्थी मैट्रिक परीक्षा में पास हो पाए हैं?
तो दोस्तों, शिक्षा परिक्षण ने अपना पूरा हिसाब लगाने के बाद ये बताया कि कुल 80.59%. विद्यार्थी पास हुए हैं| इनमें से 4,03,392 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में 5,24,217 विद्यार्थी सेकंड डिविजन से और 2,75,402 विद्यार्थी थर्ड डिविजन से पास हुए हैं|कुल 12 लाख 2 हजार 30 विद्यार्थी पास हुए हैं|
हिमांशु राज ने बताया उन्होंने कितनी मेहनत की थी?
राज के पिता जी सब्जी बेचने का काम करते थे| हिमांशु अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता जी के साथ सब्जी बेचने में उनकी मदद किया करते थे| ये सारे काम करने के बाद हिमांशु 14 घण्टे पढ़ाई किया करते थे| हिमांशु ने कड़ी मेहनत की और पूरी लगन से पढ़ाई की और आज उसका परिणाम यह कि वह बिहार के टॉपर है|
हिमांशु जीवन में क्या बनना चाहते हैं?
दोस्तों, हिमांशु बहुत ही टैलेंटेड है इसलिए उनका सपना भी बेहद बड़ा होना चाहिए| लेकिन दोस्तों परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह केवल एक सॉफ्टवेयर इंजीनीयर बनना चाहते हैं|
दोस्तों, ‘आपको हमारा यह आर्टिकल बिहार बोर्ड टॉपर हिमांशु राज की सफ़लता की कहानी| Bihar Board Topper Himanshu Raj success story in Hindi. आप हमें कमेंट करके बताए और हमारे इस आर्टिकल को शेयर और लाइक करना ना भूले|
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