

दोस्तों, आज हमें ये कहते हुए बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं कि हम भारत के रहने वाले देशवासी हैं| बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस की दवा बना ली हैं| इस दवा का नाम कोरोनिल हैं| इस दवा को बनाने के लिए हम सबको को उन साइंटिस्ट्सों का अभिनंदन करना चाहिए| इसी के साथ बाबा रामदेव ने दावा किया हैं कि इस दवा को 280 लोगों पर आजमाया गया हैं| 69% से ज्यादा लोग इस दवा से रिकवर हो गए हैं और इस दवाई का इस्तेमाल करने के बाद जो मरीज कोरोना पोजिटिव थे, अब उनकी रिपोर्ट भी अब नेगेटिव हो गयी हैं|
आयुष मंत्रालय ने पतंजलि कंपनी को क्या चेतावनी दी-
हालांकि, अब तक इस के असर को लेकर स्वतंत्र पुष्टि नहीं की गयी हैं| सरकार ने पहले इस दवा के लिए किए जा रहे दावों की जांच करने का फैसला लिया हैं| आयुष मंत्रालय ने तत्काल पतंजलि को दवा के प्रचार-प्रसार के विज्ञापनों पर रोक लगाने को कह दिया| मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया कि यदि इसके बाद दवा का विज्ञापन जारी रहा| तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी|
आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पतंजलि ने ऐसी किसी दवा के विकसित करने और उसके ट्रायल की कोई जानकारी मंत्रालय को नहीं दी हैं|
उन्होंने कहा कि मंत्रालय की अनुमति से कई आयुर्वेदिक दवाओं का कोरोना के इलाज में ट्रायल किया जा रहा है, लेकिन उनमें पतंजलि की दवा शामिल नहीं हैं|
बाबा रामदेव ने इस दवा को लेकर क्या दावा किया हैं-
योग बाबा रामदेव जी ने जैसे ही मंगलवार (23 जून 2020) को कोरोना को सात दिन में पूरी तरह ठीक करने के दावे के साथ दवा को लांच किया हैं| तब से ही लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल हैं|
वरिष्ठ अधिकारी आयुष ने क्या कहा हैं पतंजलि कंपनी से-
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब पूरी दुनिया इस महामारी बीमारी से जुझ रहीं हैं| तब उन्हें एक उम्मीद की किरण मिली हैं| जिसे पूरी तरह से जांच-पड़ताल के बाद ही इसके बारे में सबको बताए| पूरी दुनिया कोरोना के इलाज खोजने के लिए जुझ रहीं है और कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा हैं| ऐसे में वैज्ञानिक सबूत के किसी दवा से इलाज खतरनाक साबित हो सकता हैं|
करोड़ों लोगों को इस भ्रम के प्रचार के जाल में फंस सकते हैं| इसलिए इस दवा के प्रचार-प्रसार वाले विज्ञापनों पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही पतंजलि को जल्द से जल्द कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विवरण देने को कहा गया हैं|
पतंजलि कंपनी को कैसे देगी इस दवा का ट्रायल-
दोस्तों, पतंजलि को यह भी बताना होगा कि इस दवा का ट्रायल शुरू करने के ट्रायल क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री ऑफ इंडिया(सीटीआरआइ) में दवा का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता हैं|
पतंजलि से सीटीआरआइ के रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ ट्रायल के परिणाम का पूरा डाटा देने को कहा गया हैं| आयुष ने कहा कि पूरी जांच-पड़ताल और सभी तथ्यों के सही पाए जाने के बाद ही इस दवा को कोरोना इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी|
आयुष ही इस दवा के ऊपर जांच-पड़ताल क्यों कर रहे हैं-
दोस्तों, आयुर्वेदिक दवा को विकसित करने और बेचने से पहले आयुष मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है| लेकिन जिस राज्य में इस दवा का उत्पादन किया जा रहा है| वहां के लाइसेंसिंग अथारिटी से इसके लिए अनुमति लेना अनिवार्य हैं| आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड के राज्य लाइसेंसिंग अथारिटी से इस दवा को दी गई मंजूरी और लाइसेंस की प्रति देने को कहा हैं|
आयुष मंत्रालय के मन की शंका को किसने दूर किया-
पतंजलि के विज्ञापन पर रोक लगाने वाले मामले पर आचार्य बालकृष्ण का बयान सामने आया हैं| आचार्य बालकृष्ण पतंजलि योगपीठ के महामन्त्री हैं| उन्होंने एक ट्वीट के जरिए- पूरी जनता वह आयुष मंत्रालय को बताया हैं कि केंद्र सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन देती आई हैं| पतंजलि की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय को जो भी गलतफहमी थी, वह दूर कर दी गई हैं|
पतंजलि ने आयुर्वेदिक दवाओं की जांच (रेंडमाइज्ड प्लेसबो कंट्रोल्ड क्लीनिकल ट्रायल) के सभी आधिकारिक मानकों को सौ प्रतिशत पूरा किया है। इसकी सभी जानकारी हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है, अब कहीं कोई संशय नहीं रह गया हैं|
दोस्तों, ‘आपको हमारा यह आर्टिकल बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना वायरस की दवा बना ली| Patanjali Coronil Coronavirus Medicine in Hindi. आप हमें कमेंट करके बताए और हमारे इस आर्टिकल को शेयर और लाइक करना ना भूले|
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Sanjana Singh
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