Happy Christmas/Merry Christmas in Hindi
दोस्तों! क्रिसमस आने वाला हैं और क्रिसमस (Christmas) एक ऐसा त्यौहार हैं,जिसे सभी लोग बड़े ही आसान तरीके से मना सकते हैं| इस खूबसूरत पर्व का इंतजार बच्चों को बेसब्री से होता हैं,क्योंकि इस दिन बच्चों को प्यारे-प्यारे खिलौने संता क्लॉज़ के द्वारा मिलते हैं|
क्रिसमस क्यों मनाया जाता हैं?
क्रिसमस या बड़ा दिन या ईसा मसीह या यीशु के जन्म की ख़ुशी के रूप में मनाये जाने वाला त्यौहार हैं| यह त्यौहार हर साल 25 दिसंबर को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता हैं| 25 दिसंबर को पूरे विश्व में कंपनी,स्कूल,व कॉलेज में अवकाश का दिन होता हैं|
चाँद ने अपनी चांदनी बिखेरी हैं
और तारों ने आसमानों को सजाया हैं|
लेकर तौफा अमन और प्यार का
देखो स्वर्ग से कोई फरिश्ता आया हैं|
25 दिसंबर को ईसाई समुदाय के लोग यीशु मसीह का जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं| कुछ मान्यताएं इस प्रकार भी हैं कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म नहीं हुआ था| चौथी शताब्दी से पहले ईसाई समुदाय इस दिन को त्यौहार के रूप में नहीं मनाते थे,लेकिन चौथी शताब्दी के बाद इस दिन ईसाईयो का प्रमुख त्यौहार मनाया जाने लगा| माना जाता हैं
कि यूरोप में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण के मौके पर त्यौहार को मनाते थे| इस दिन सूर्य के लम्बी यात्रा से लौट कर आने की ख़ुशी मनाई जाती हैं ,इसी कारण इसे बड़ा दिन भी कहा जाता हैं| इस दिन की प्रमुखता देखते हुए ही ईसाई ने इस दिन को जीसस के जन्मदिन के रूप में चुना|
क्रिसमस से पहले ईस्टर का पर्व ईसाई समुदाय का प्रमुख त्यौहार माना जाता था| एक बहुत ही जरुरी बात यह हैं कि क्रिसमस का पर्व साल का अंतिम पर्व होता हैं| इसलिए क्रिसमस की तैयारी सभी लोग बहुत ही अच्छे से करते हैं और बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं|
क्रिसमस डे कैसे मनाया जाता हैं?
क्रिसमस(Christmas) को पूरी दुनिया में ईसाई धर्म के अनुयायी उत्साहित होते ही हैं लेकिन अन्य धर्मों के लोग भी आजकल इसे खूब मनाने लगे हैं असल में वर्तमान युग में जब हम पूरी दुनिया से जुड़े होते हैं, तो सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी चलता रहता हैं| अब बात करते हैं कि कैसे मनाते हैं क्रिसमस!
क्रिसमस उत्साह के साथ मनाया जाता हैं-
पहली बात तो ये हैं कि कोई भी त्यौहार बिना हर्ष और उल्लास के साथ नहीं मनाया जा सकता| अब जो लोग इससे धर्म विशेष से जुड़े होने के कारण इसे मनाते हैं, वे तो पारम्परिक रूप से इसे मनाते हैं जिसमे प्रार्थनाओं से लेकर साज – सज्जा और दोस्त रिश्तेदारों को कार्ड व उपहार भेंट करना शामिल हैं|
लेकिन आप भी अपने लिए चरितमास के त्यौहार का उत्साह अपने अंदर जागकर इस त्यौहार को खास बना सकते हैं|
दोस्त और परिवार के साथ मनाये-
जैसे हम दूसरे त्योहारों को पूरे परिवार के साथ मिलकर मनाते हैं ,उसी तरह हमें क्रिसमस को भी परिवार के संग मनाना चाहिए| क्रिसमस पर बहुत से लोग अपने परिवार के साथ अनेक जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं| यह त्यौहार सर्दियों के
मौसम के सुनहरे मौ में आता हैं| इस त्यौहार को ईमानदारी और हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए|
क्रिसमस ट्री को सजाएँ-
क्रिसमस ट्री को अच्छे से सजाएँ,उसमे रंग-बिरंगे लाइट्स,चमकीले पपेर्स,ग्रीटिंग कार्ड,मोमबत्ती आदि लगाकर सजा सकते हैं| क्रिसमस की तैयारी 12 दिन के बाद हटाई जाती हैं,यानि कि 5 जनवरी की शाम को सारी सजावट क्रिसमस ट्री के ऊपर से हटा दी जाती हैं!
कैमरे में कैद करे खुशियां अपने परिवार व दोस्तों के साथ-
क्रिसमस पर मनाये जाने वाले जश्न को अपने मोबाइल के कैमरे से इन खूबसूरत लम्बो को सहेज कर रख सकते हैं| किसी मॉल में अपने बच्चो की तस्वीर संता के साथ क्लिक कराये और कई समय बाद उस लम्हे को याद करके रखे , वो ख़ुशी आपको गुदगुदा देगी|
खुद भी इस दिन आप बच्चे बनकर अपने बचपन को जी सकते हैं|
जरुरतमंद बच्चो की मदद करें-
इस दुनिया में हर इंसान अपने लिए तो हर ख़ुशी मांगता हैं,लेकिन जरुरतमंद बच्चो की मदद करके आप उनकी दुआएं ले सकते हैं|
जो कि निश्चित तौर पर आत्मिक संतुष्टि के साथ आपकी खुशियों को भी सुनिश्चित करेगी| गरीब बच्चो को खाने-पीने और गरम वस्त्र उपहार के रूप में आप उनको दे सकते हैं|
संता निकोलस-
संता निकोलस को बच्चे-बच्चे जानते हैं| 25 दिसंबर को बच्चो को संता को बहुत ही बेसब्री से इंतजार रहता हैं| संता का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मौत के 280 साल बाद मायरा में हुआ था| बचपन में माता पिता के देहांत के बाद संता को सिर्फ भगवन जीसस पर ही विश्वास था|
बड़े होने पर संता ने अपना पूरा जीवन भगवन को अर्पण कर दिया| वह एक पादरी बने फिर बिशप,उन्हें लोगो की मदद करना बहुत ही अच्छा लगता था,वह गरीब बच्चो को उपहार दिया करते थे|
निकोलस को इसलिए संता कहा जाता हैं क्योंकि वह अर्धरात्री को गिफ्ट दिया करते थे कि उन्हें कोई देख नहीं सके| आपको बता दे कि संत निकोलस के वजह से हम आज भी संता को याद करते हैं|
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