Why and how is Diwali celebrated in Hindi?
दीवाली का त्यौहार हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार होता हैं | लोग इस त्यौहार का इंतजार बहुत ही उत्साह के साथ करते हैं | इस पर्व को हिन्दू , मुस्लिम , सिख , ईसाई , हर धर्म के लोग मनाते हैं | यहां धर्म की कोई पाबन्दी नहीं होती | दीवाली रौशनी और खुशियों का त्यौहार होता हैं , इसीलिए इस त्यौहार को बच्चे बूढ़े सभी लोग आपस में एक साथ मिलकर ख़ुशी से मनाते हैं | इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं |
दीपावली का क्या मतलब हैं ?
दीवाली का संधि- विच्छेद किया जाएँ तो , दीप + आवली होता हैं | यहां दीप का मतलब रोशनी और आवली का मतलब पंक्ति या लाइन से हैं , यानि की रोशनी की कतार या पंक्ति |
दीवाली का मतलब खुशियां भी हैं , क्यूंकि दीवाली के दिन पूरा परिवार एक साथ बैठकर बातें करते हैं | पटाखे जलाते हैं , एक दूसरे को मिठाइयां खिलाते हैं और दीवाली के दिन अगर किसी से मन – मुटाव होता हैं , तो उस बात को भूला कर आपस में खुशियाँ बांटते| यह दीवाली का सही मतलब हैं |
दीवाली का पौराणिक इतिहास क्या हैं ?
दीवाली रोशनी का पर्व है | दीवाली के दिन जगमगाते दीपकों के बीच माँ लक्ष्मी की प्रतिमा और पूजा की जाती है | दीवाली के दिन माँ लक्ष्मी ,भगवान गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है और भक्त जन धन -धान्य से परि पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं |
राम की अयोध्या वापसी –
रामायण की कथा के अनुसार भगवान श्री राम ने रावण को युद्ध में पराजित कर सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे | चौदह वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद जब श्री राम अयोध्या वापस आये थे, तो अयोध्या के लोगों ने अपने राजा के स्वागत के लिये घी के दीये जलाए थे |
उस दिन लोगो ने पटाखे जलाकर , नाच -गा कर अपनी खुशियां व्यक्त की | उस दिन से लेकर आज तक हर साल यह दीवाली के नाम से मनाया जा रहा है और आज भी इस त्यौहार को रोशनी का प्रतीक मानते हैं |
दीवाली पर किन देवी – देवताओं की पूजा की जाती हैं ?
लक्ष्मी माँ
धन , सुख , समृद्धि , रोशनी और सपन्नता की देवी लक्ष्मी , प्रभु विष्णु की अर्धांगिनी हैं | पुराणों के अनुसार दया की देवी लक्ष्मी त्रेता युग में सीता का अवतार लेकर श्री राम की संगिनी बनी और दवापर युग में राधा और रुकमणी का रूप धारण कर श्री कृष्ण की धर्मपत्नी बनी | देवी लक्ष्मी अपने रूप सौन्दर्य और आकर्षण के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं |
महालक्ष्मी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करती हैं और उनकी मुरादे पूरी कर उन्हें धन और समृद्धि से भरपूर करती हैं | वेदो में लक्ष्मी को “ लक्ष्यविधि लक्ष्मीहि “ के नाम से संबोधित किया गया हैं | जिसका अर्थ हैं , जो लक्ष्य प्राप्ति में मदद करें |
गणपति देव
हिन्दुओ द्वारा सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले भगवान में से सबसे प्रमुख भगवान गणेश जी को माना जाता हैं | जिन्हे गणपति , विनायक , लंबोदर , विघ्नहर्ता ,गणेश आदि नाम से जाना और पूजा जाता हैं | सिर्फ भारत देश में ही नहीं , गणेश जी की प्रतिमा की पूजा विश्व के दूसरे भागों में भी की जाती हैं |
गणेश जी का हाथी का सिर परेशानियों को दूर करता हैं , इसीलिए इन्हे विघ्नहर्ता भी माना जाता हैं| हिन्दू धर्म में कोई भी रस्म या विधि बिना गणेश जी की पूजा किये सम्पन्न नहीं मानी जाती हैं | गणेश जी हर समारोह को शुभ बना देते हैं |
धन के राजा कुबेर
धन के राजा कुबेर को हिन्दू धर्म में प्रमुख यक्षो में से एक माना जाता हैं , उन्हें उत्तर दिशा ( दिक- पाला) का स्वामी माना जाता हैं| कई मान्यतओं के अनुसार कुबेर को धरती का रक्षक *(लोकपाला ) के नाम से भी जाना जाता हैं| वेदो और पुराणों में कुबेर को बुरी शक्तियों का स्वामी माना जाता था |
दीवाली क्यों मनाई जाती हैं ?
शास्त्रों के अनुसार हमने ऐसा सुना हैं कि , जब राजा दशरथ के पुत्र प्रभु राम ने दुष्ट रावन का वध कर सीता माता को उनके चुंगल से बचाकर 14 साल का वनवास पूरा करके , अयोध्या लौटे थे | तब अयोध्यावासी उन्हें देखकर बहुत खुश हुए थे और उनके आने की ख़ुशी में पूरी अयोध्या में दीये जलाकर और पटाखे जलाकर अपनी खुशी को उनके सामने दर्शाया था , और नाच झूमकर उनका स्वागत किया था | तभी से दीवाली मनाने की परम्परा चली आ रही हैं |
दीवाली का लाभ
- छोटे – बड़े सभी व्यापारियों के लिए बहुत कमाई का समय होता हैं
- दीवाली में सभी व्यापार में तेजी आ जाती है क्यूंकि इस त्यौहार में सारी नयी चीजें आती हैं |
- लोग अपने घर को सजाने से लेकर अपने लिए नए कपड़े , गहने , मिठाई आदि सामान खरीदते हैं |
- दीवाली में आपसी प्रेम बढ़ता हैं, जिससे सम्बधों में मिठास आती हैं |
- साफ- सफाई का बहुत महत्व होता हैं, जिसे घरों तथा आस-पास के परिवेश स्वच्छ होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं |
- इस त्यौहार के बहाने पूरे घर की साफ सफाई हो जाती हैं | घरों में नया रंग कर दिया जाता हैं और ये त्यौहार न हो तो ऐसा होना मुश्किल हैं |
दीवाली का नुकसान
- पटाखों के कारण प्रदूषण बहुत हो जाता है , जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक होता हैं |
- दीपकों में फिजूल का तेल जलता हैं |
- अत्यधिक मिठाई और पकवान से स्वास्थ्य बिगड़ता हैं |
- दिखावे के चक्कर में लोग फिजूल का खर्च करते हैं |
जहां लाभ होता है ,वहां नुकसान भी होता हैं| दीवाली एक बहुत बड़ा त्यौहार हैं , जो अपने साथ अपार खुशियां और प्रेम लाता हैं, पर हमें इस त्यौहार को सावधानी और विचार से मनाये तो ये हानि नहीं देगा, बल्कि हमें बहुत खुशियाँ प्रदान करेगा |
यह रोशनी का पर्व हैं दीप तुम जलाना
जो हर दिल को अच्छा लगे ऐसा गीत तुम गाना
दुःख दर्द सारे भूलकर सबको गले लगाना
ईद हो या दीवाली बस
खुशियों से मनाना
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