

एक बार की बात हैं,एक आदमी बहुत ही दुखी रहता था| जिसका नाम अजय था,उसका मानना यह था कि उसके जीवन में कोई ख़ुशी नहीं आती हैं|
इन सभी Problems को लेकर एक दिन वो अपने एक गुरु जी के पास गया और उसने गुरु जी को अपनी Problems के बारे में बताया कि गुरु जी मेरे जीवन में कोई ख़ुशी नहीं आती हैं|
सोचा था कि जब Job लगेगी,तब पिताजी को अपने खर्चे पर तीर्थ यात्रा पर लेकर जाऊंगा| लेकिन ये भी न हो पाया क्योंकि मेरी Job लगने से पहले ही पिताजी का देहांत हो गया|
फिर इसके बाद मैंने सोचा कि Job में Promotion मिलेगी,तो बच्चों को Goa में Picnic पर लेकर जाऊंगा,लेकिन ये भी नहीं हो सका,क्योंकि Promotion तो मिला ही नहीं|
ऐसी और भी बहुत सी खुशियां थी, जिनके लिए में इंतजार करता रह गया| लेकिन वो मुझे कभी मिली ही नहीं,गुरु जी मुझे कुछ समझ ही नहीं आता हैं-क्या मुझे कभी खुशियां मिलेगी भी की नहीं|
दो दिन की जिंदगी हैं,
इसे दो उसूलों से जिओ
रहो तो फूलों की तरह और
बिखरों तो खुशबू की तरह….
गुरु जी ने उसको कैसे और क्या उपाय दिया?
गुरु जी उसको पास में एक Garden में लेकर गए|जहाँ एक Line में बहुत सारे गुलाब(Rose) के फूल लगे हुए थे और उन्होंने उस आदमी को कहा कि ‘एक काम करो जो ये Line से गुलाब के फूल लगे हुए हैं उसे देखते जाओ और उसमे से जो तुम्हें बहुत ही सुंदर फूल लगे उसको तोड़ लेना|लेकिन हाँ पुत्र एक बात याद रखना जिस फूल से तुम आगे निकल जाओगे उसके पास दोबारा वापस नही आ सकते और हाँ फूल लेकर आना भी जरूरी हैं|
वो आदमी Graden में फूलों के पास चलता गया|उसको कुछ बड़े फूल दिखते,तो कुछ छोटे फूल दिखते,हर फूल पर पहुँच कर वो इसी सोच के साथ उसको छोड़ देता कि कही इससे सुंदर फूल आगे हुए तो, इसी सोच में धीरे-धीरे वो Line के End तक पहुंचा|लेकिन अब उसने देखा कि वहां पर अब कुछ मुरझाए हुए फूल ही बचे हैं और उनमें जो उसे खिला हुआ
फूल दिखा उसने उस फूल को तोड़ लिया और गुरु जी के पास लेकर गया|इसके बाद गुरु जी को बताया कि रास्ते में मुझे कुछ बड़े और कुछ छोटे बहुत ही सुंदर फूल दिखे थे| लेकिन में आगे बढ़ता गया इस उम्मीद में की मुझे इनसे भी अच्छे फूल आगे मिलेंगे लेकिन आखिरी में मुझे मुरझाये हुए फूलों में से ही एक फूल लेकर आना पड़ा|
तब वह गुरु जी मुस्कुराएँ और बोले ‘कि पुत्र तुम सबसे सुंदर फूल की तलाश में आगे बढ़ते गए’ और जितने भी सुंदर फूल थे उनको छोड़ते चले गए और अंत में तुम्हें मुरझाया फूल ही लेना पड़ा|
ये Garden समझ लो तुम्हारी ज़िन्दगी (Life) है और यह गुलाब के फूल तुम्हारी ज़िन्दगी की अनमोल छोटी-बड़ी खुशियाँ हैं, जिस प्रकार तुम यह सोचते चले गये की आगे और सुन्दर फूल मिलेंगे और उस रास्ते पर
आने वाले उन सुन्दर फूलो को तुम नज़रअंदाज़ करते रह गये|ठीक उसी प्रकार हम कभी-कभी ज़िन्दगी में आने वाली उन छोटी-छोटी खुशियों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं,उन बड़ी खुशियों की तलाश में,जिंदगी हाथ से निकल जाती हैं|
Friends, तो इस छोटी सी Motivational Article से खुद को और आपको यह बताना चाहते थे कि सिर्फ मंजिल को नहीं सफर को भी Enjoy करना हैं|
जिंदगी की छोटी-बड़ी खुशियों को Celebrate करते चलना हैं और हर पल को इस तरह जीना हैं की जिंदगी गुलजार रहे और खुशियां फूलों की तरह महकती रहे|
जिंदगी बहुत कुछ सिखाती हैं,
कभी हँसती हैं तो कभी रुलाती हैं
पर जो हर हाल में खुश रहे,
जिंदगी उनके आगे सिर झुकाती हैं….
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Sanjana
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