भारत को आजादी दिलाने में हमारे देश के कई स्वतंत्रता सेनानी का अहम योगदान था| उनमें से एक महात्मा गांधी का भी नाम हैं|
इन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत देश को अँग्रेजों की गुलामी ना करने के लिए जागरूक करते रहे|
इन्हें सभी लोग बापू के नाम से भी जानते हैं|
तो आइए दोस्तों- महात्मा गाँधी की जीवनी| Best Mahatma Gandhi Biography in Hindi.
भारत के इस महान स्वतंत्रता सेनानी के संपूर्ण जीवन के संघर्ष के बारे मे पढ़ते हैं और उनके बारे मे थोड़ा ओर करीब से जानते हैं|
महात्मा गाँधी जी का प्रारंभिक जीवन-
महात्मा गांधी का जन्म भारत के गुजरात राज्य के पोरबंदर नामक क्षेत्र में हुआ था| इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माताजी का नाम पुतलीबाई था|
इनकी माताजी एक धार्मिक महिला थी| गांधी जी के जीवन में उनकी माताजी का बहुत ज्यादा योगदान था| इनका विवाह 13 वर्ष की उम्र मे कस्तूरबा नाम की स्त्री के साथ हुआ|
सन् 1887 मे इन्होंने अपनी मात्रिक परिक्षा पास की और सन् 1888 मे इन्होंने सामल दास कॉलेज में प्रवेश लिया और वहाँ से डिग्री प्राप्त की|
इसके बाद इन्होंने लंदन जाकर पढ़ाई की और वह फिर बैरिस्टर भारत वापस आए थे|
महात्मा गाँधी जी की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा-
सन् 1894 में गांधी जी किसी कानूनी विवाद मे दक्षिण अफ्रीका गए थे और वहाँ होने वाले अन्याय के खिलाफ ‘ अवज्ञा आंदोलन चलाया और इसके बाद वह भारत लौटे|
महात्मा गाँधी जी का भारत आगमन और स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेना-
सन् 1916 में गांधी जी भारत लौटे और उन्होंने भारत देश की आजादी के लिए कदम उठाना शुरू किया| कॉग्रेस लीडर बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु सन् 1920 मे हो गई इसके बाद गाँधी जी को कॉग्रेस का लीडर बना दिया गया|
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार को एक शर्त पर पूर्ण सहयोग दिया कि इसके बाद अंग्रेज भारत पर गुलामी नहीं करेंगे| परन्तु अंग्रेजों ने उनकी बात मानी, ऐसा करने पर महात्मा गांधी जी चुप नहीं रहे और इन्होंने कई आंदोलनों का आरंभ किया| इन्होंने अपना जीवन ही आंदोलन कर कर के बिताया| परन्तु उनके तीन ऐसे आंदोलन थे जो बहुत मशहूर हुए|
इनके तीनों आंदोलनों के बारे मे नीचे चर्चा की गयी हैं-
महात्मा गांधी का सन् 1920 में किया गया असहयोग आंदोलन-
यह गाँधी जी का उन तीनों आंदोलनों मे पहला आंदोलन था| सन् 1921 में ब्रिटिश सरकार ने रोलेट ऐक्ट किया था| उस समय गांधी जी ने कुछ सभाएं आयोजित की थी| उन सभाओं की तरह गाँधी जी ने यह सभा कई राज्यों में की थी| गाँधी जी ने ऐसी ही एक सभा पंजाब राज्य के अमृतसर के जलियांवाला बाग में की थी|
परन्तु अंग्रेजों ने इस सभा में उपस्थित सभी लोगों को बहुत हानि पहुँचाई| इसी का मुँह तोड़ पलट वार देने के लिए गांधी जी ने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ असहयोग आंदोलन का आरंभ किया था| इस आंदोलन का यह मतलब था कि भारतीयों की traf से ब्रिटिश सरकार यानी अंग्रेजों की कोई भी मदद नहीं की जाए, परन्तु इसमे कोई भी प्रकार की हिंसा ना हो|
गांधी जी का चौरा-चोरी कांड-
जिस प्रकार गांधी जी ने असहयोग आंदोलन पूरे भारत में अहिंसात्मक रूप से चलाया था| उस दौरान उत्तर प्रदेश में चौरा चोरी नामक स्थान में कुछ लोग शांति से काम कर रहे थे तो अंग्रेजों ने उन पर गोली मारकर उन की हत्या कर दी थी|
तब गुस्से से भरी भीड़ ने पुलिस थाने में आग लगा दी थी और वहाँ उपस्थित 22 सैनिकों की हत्या कर दी थी| इसके बाद गाँधी जी ने इसके बारे में कहा कि हमें इस आन्दोलन के समय कोई भी हिंसात्मक कार्य नहीं करना था|
उन्होंने कहा कि अभी हम आजादी पाने के लायक नहीं हैं| इस कारण गांधी जी ने यह आंदोलन वापस ले लिया था|
गाँधी जी का नमक सत्याग्रह आंदोलन और डांडी यात्रा-
सन् 1930 में गाँधी जी ने एक और आंदोलन की शुरूआत की| इस आंदोलन का नाम सविनय अवज्ञा आंदोलन था| इस आंदोलन का उद्देशय था कि ब्रिटिश सरकार जो भी नियम बनाए उन्हें नहीं मानना और उनकी अवहेलना करना| जैसे ब्रिटिश सरकार ने
नियम बनाया था कि कोई भी व्यक्ति नमक नहीं बनाएगा| उसके लिए महात्मा गांधी 12 मार्च, सन् 1930 को इस नियम को ना मानने के लिए डांडी यात्रा शुरू की थी और इस कानून को तोड़ने का प्रयास की| वह डांडी नामक स्थान पर गए और उन्होंने नमक बनाया और इस तरह यह आंदोलन भी शांतिपूर्ण किया गया| इस आंदोलन के समय ब्रिटिश सरकार ने कई नेता को गिरफ्तार किया था|
गांधी जी का सन् 1942 का भारत छोड़ो आन्दोलन-
1940 के दशक तक आते-आते भारत की आजादी के लिए देश के बुढ़े, बच्चे, और जवान सभी में जोश और गुस्सा भरा पड़ा था|
तब गांधी जी एक ऎसे व्यक्ति थे जिन्होंने इसका सही दिशा में उपयोग किया और बहुत ही बड़े पैमाने पर सन 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की और दोस्तों ऎसा माना जाता हैं कि यह आंदोलन अब तक के आंदोलनों में सबसे अधिक प्रभावी रहा|
यह आंदोलन अंग्रेजी सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती थी|
गाँधी जी की आंदोलनों की विशेषता-
महात्मा गाँधी जी ने जितने भी आंदोलनों किए| उनमे उनकी एक अहम भूमिका थी| उनके बारे मे थोड़ी जानकारी नीचे विस्तृत हैं-
- गांधी जी ने अपने सारे आंदोलन शांति से चलाये थे|
- आंदोलन के समय अगर कोई भारतीय कोई हिंसात्मक कार्य कर्ता था तो गांधी जी उस आंदोलन को रद्द कर देते थे|
- गांधी जी ने अपने सारे आंदोलन सत्य और अहिंसा की नीव पर किए थे|
बापू का सामाजिक जीवन-
गाँधी जी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे| परन्तु गांधी जी ‘सादा जीवन उच्च विचार’ वाले व्यक्तियों में से एक व्यक्ती थे| उनके इस शांत स्वभाव के कारण ही लोग इनके नाम के आगे महात्मा लगाने लगे थे| महात्मा गांधी जी प्रजातंत्र के बहुत बड़े समर्थक थे|
उनके दो उच्च विचार थे – सत्य और अहिंसा| इन्हीं के बल पर इन्होंने भारत को अँग्रेजों की गुलामी से आजाद कराया|
गाँधी जी का छुआ-छूत को दूर करने का प्रयास-
गांधी जी ने इसे दूर करने का बहुत प्रयास किया था| इन्होंने निचली जातियों के लोगों को हरि – जान की उपाधि दी और जीवन भर इसे बढावा देते रहे|
महात्मा गांधी जी की मृत्यु के बारे में-
नाथूराम गोडसे नामक एक गुंडे के द्वारा गोली मारकर बापू जी की हत्या हुई| इनकी मृत्यु 30 जनवरी, 1948 को हुई थी| नाथूराम गोडसे इन्हें तीन गोलियां मारी थी| इन्होंने नाथूराम गोडसे के इस दुष्कर्म के लिए माफ़ कर दिया और उसे फाँसी ना देने को कहा| दिल्ली में बापू जी की याद में राजघाट नामक स्थान पर उनकी समाधि स्थल बनाया गया| जिसे आज भी गांधी जयंती के दिन लोगों द्वारा याद किया जाता हैं और उस स्थल पर आज के दिन बहुत भीड़ भी होती हैं|
महात्मा गाँधी जी की कुछ रोचक बातें-
1.महात्मा गांधी को एक बार सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रपिता कहकर पुकारा था| तब से लेकर अब तक इन्हें राष्ट्रपिता माना जाता हैं|
2.गांधी जी की मृत्यु के सम्बंध मे एक ब्रिटिश ऑफिसर ने कहा हैं कि जिस गांधी को हमने इतने सालों तक कोई हानि नहीं पहुंचाई| ताकि भारत हमारा आतंक बना रहे| उसी गांधी को स्वतंत्र भारत एक वर्श भी जीवित नहीं रख पाया|
3. गाँधी जी ने देश और विदेश मे कई आश्रम खुलवाये थे| उनमे टॉलस्टॉय आश्रम और गुजरात का साबरमती आश्रम बहुत प्रसिद्ध हैं|
4. महात्मा गांधी जी आत्मा की शुद्धि के लिए उपवास भी रखा करते थे|
5. 2 October को महात्मा गांधी जी के जन्म दिवस पर पूरे भारत मे गांधी जयंती बनाई जाती हैं|
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Sanjana Singh
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