गर्मियों का मौसम बच्चों का बहुत ही पसंदीदा मौसम होता हैं क्योंकि इस मौसम में बच्चों को गर्मियों की छुट्टी मिलती हैं, जिसका वह बेसब्री से इंतज़ार करते हैं| इन गर्मियों के मौसम में वह अपने परिवार के साथ छुट्टी का आनंद उठाते हैं और कुछ प्रसिद्ध जगहों पर घूमने के लिए भी जाते हैं इसलिए यह गर्मी का मौसम बच्चों कों बहुत ज्यादा भाता हैं|
दोस्तों इन गर्मी के मौसम में हम कुछ बिजली के उपकरणों का प्रयोग करते हैं| जैसे-पंखा, कूलर, फ्रिज, ऐ.सी.अन्य,,,,
क्या आपको पता हैं कि यह भी गर्मियों के मौसम का इंतज़ार करते हैं? तो आइये इस मजेदार कहानी को पढ़ते हैं और गर्मियों के मौसम का आनंद लेते हैं…
एक बार कूलर बहुत ही ख़ुशी में झूमते हुए आता हैं और सबको बधाई देने लगता हैं कि बधाई हो, बधाई हो, पंखे भाई आप सभी को गर्मी के मौसम के आने की ख़ुशी में बहुत-बहुत बधाई हो|
इतने में पंखा नींद से उठकर कहता हैं कि कौन सुबह-सुबह जगाने आ गया| यह सुनकर कूलर कहता हैं कि तुमने मुझे पहचाने नहीं में तुम्हारा मित्र कूलर हूँ| मैं तुम्हे गर्मियों के आने की ख़ुशी में बधाई देने आया हूँ| इतने में पंखा कहता हैं कि कूलर भाई तुम्हें कैसे पता चला कि गर्मियां आ गयी हैं क्योंकि अभी तो सर्दियों का मौसम चल रहा हैं|
अरे! कूलर भाई तुमने मुझे इतनी अच्छी नींद से जगा दिया| कूलर कहता हैं कि सूरज भाई हमें यह खबर आज सूरज की किरणों ने आकर दी हैं|
तुम जरा बाहर खिड़की की ओर देखो कि आज कितनी तेज धूप निकल रखी हैं| हमें धूप ने स्वयं बताया हैं कि गर्मियां आने वाली हैं और अब सर्दियों का मौसम अब ख़त्म होने वाला हैं| यह सुनकर पंखा कहता हैं कि वह सर्दियां ख़त्म होने वाली तब तो गर्मियों का मौसम पक्का शुरू हो जाएगा| पंखा अंगड़ाई लेते हुए कहता हैं कि मैं छह महीने से सोते-सोते थक चूका हूँ|
अब तो इन नन्हें बच्चों को और लोगों को मेरी जरुरत पड़ेगी| इतने में कूलर भाई भी बोलने लगा कि सिर्फ तुम्हारी ही नहीं मेरी भी जरुरत पड़ेगी| इतने में बगल में एक कोने में खड़ी ऐ. सी. ने कहा पंखा भाई और कूलर भाई आप सब क्या बात कर रहे हैं, क्या आप मुझे वह बाते बताएंगे?
यह सुनकर पंखे और कूलर भाई ने बधाई हो,बधाई हो ऐ. सी. बहन आपको भी बधाई हो ऐसा कहकर बताया कि सर्दी चली गयी और अब गर्मियां आने वाली हैं|
इतने में ऐ. सी. ने ख़ुशी से चिल्लाकर कहा कि वाह! मजा आ गया| गर्मी चली गयी| में भी तुम्हारी तरह छह महीनों तक सो-सो कर थक गयी हूँ, मुझे कोई भी पूछ नहीं रहा था| अब गर्मी आ जायेगी तो सबको हमारी जरुरत पड़ेगी और फिर से हमें हमारा सम्मान और काम मिल जाएगा| तभी किनारे में खड़े फ्रिज ने बीच में आकर कहने लगा कि अब गर्मी के आ जाने से हमारी खूब आव-भगत होगी| मेरी भी इज्जत बढ़ जाएगी और सम्मान भी बढ़ जाएगा और लोगों में हमारी मांग भी बढ़ जाएगी|
सभी बहुत खुश हो गए और फिर पंखे भाई ने कहा कि चलो हम गर्मी जिंदाबाद, गर्मी ज़िंदाबाद का नारा लगाए|
कूलर ने कहा अगर में कहूँगा गर्मी तो तुम सब ज़िंदाबाद कहना|
गर्मी! ज़िंदाबाद! गर्मी! ज़िंदाबाद! गर्मी! ज़िंदाबाद! गर्मी! ज़िंदाबाद!
गर्मी! ज़िंदाबाद! की आवाज सुनकर घर की मालकिन वहाँ पर दौड़े-दौड़े चली आई और जब वह वहाँ पर पहुँची तो उसने देखा कि सभी के सभी हाथ उठाकर नारे लगा रहे थे|
घर की मालकिन सबको डाँटते हुए कहती हैं कि शांत हो जाओ,यह तुमने क्या गर्मी! ज़िंदाबाद! का नारा लगा रखा हैं| अब तुम में से कोई भी गर्मी! ज़िंदाबाद! का नारा नहीं लगाएगा| जाओ तुम सब अब अपनी-अपनी जगह पर लग जाओ और अब कोई भी गर्मी! ज़िंदाबाद! का नारा नहीं लगाएगा|
मैं तुम सबको चालू कर रही हूँ,जिससे तुम हमें गर्मी से राहत दे सको| इतना कहकर घर की मालकिन ने सबके बटन दबा दिए|
और फिर पंखा,कूलर, ऐ. सी. ,और फ्रिज सभी खिलखिलाकर हँसने लगे|
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