दोस्तों, जब महाभारत का युद्ध शुरू होने वाला था।उस समय अर्जुन अपने सामने अपने ही लोगों को देख कर परेशान हो गये थे। अर्जुन ने भगवान श्री कृष्ण से कहा,” भगवान मुझसे युद्ध नही होगा”। मैं जीता तो भी हारा, मैं हारा तो भी हारा, अगर मुझे हारना ही है तो मैं युद्ध क्यों करू?
अर्जुन रोने लगे उन्होंने अपना धुनष नीचे रख दिया। महाभारत के इसी भाग से हमें सीखने को मिलता हैं कि सिर्फ काम शुरू करने को ही काम करना नही कहते।
दोस्तों, अर्जुन की स्थिति के जैसी हम सबकी भी स्थिति होती है हम सबका अपना एक युद्ध(लक्ष्य) होता हैं।
सिर्फ काम शुरू करने को ही काम करना नही कहते। Best Success Motivational Story in Hindi.
- डॉक्टर बनने के लिए युद्ध
- वकील बनने का युद्ध
- स्टूडेंट बनने का युद्ध
- अध्यापक बनने का युद्ध
- आर्मी जॉइन करने का युद्ध
किसी का ऐसे ही न जाने आप औऱ हम सभी कुछ न कुछ बनने के लिए युद्ध करते रहते हैं। इस युद्ध(अपने लक्ष्य) को न जीत पाना सबसे खतरनाक काम हैं। इसके लिए हम सबको को क्या करना होगा जिससे हम ये युद्ध(अपना लक्ष्य) जीत सके। एक बात हमें ध्यान रखना चाहिए कि कि काम करना किस कहते है?
- काम शुरू करने को काम करना नही कहते हैं।
- किसी काम करने की प्लानिंग करने को भी काम करना नही कहते हैं।
- काम करने को भी काम करना नही कहते।
- लगातार काम करते रहने को भी काम करना नही कहते हैं।
तो फिर काम करना किसे कहते है। दोस्तों जो काम अपने शुरू किया उस काम को पूरा खत्म कर लेने को काम करना कहते। जब तक आप अपने शुरू किए काम को पूरा समाप्त नही करते तब तक आप का काम, काम नही कहलाता है। जैसे ही अर्जुन ने अपनी बात बोली उसके बाद श्री कृष्ण ने कहा,”
” क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते| क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्तवोत्तिष्ठ परन्तप “
क्लैब्यम् – नपुंसकता; मा स्म – मत; गमः – प्राप्त हो; पार्थ – हे पृथापुत्र; न – कभी नहीं; एतत् – यह; त्वयि – तुमको; उपपद्यते – शोभा देता है; क्षुद्रम् – तुच्छ; हृदय – हृदय की; दौर्बल्यम् – दुर्बलता; त्यक्त्वा – त्याग कर; उत्तिष्ठ – खड़ा हो; परम्-तप – हे शत्रुओं का दमन करने वाले |
भावार्थ
हे पृथापुत्र! इस हीन नपुंसकता को प्राप्त मत होओ | यह तुम्हेँ शोभा नहीं देती | हे शत्रुओं के दमनकर्ता! हृदय की क्षुद्र दुर्बलता को त्याग कर युद्ध के लिए खड़े होओ |
चाणक्य ने भी कहा ,” आलस्य में दरिद्रता का वास होता है”। आलस करने में आलस करो , आलस मत करो। हम सब काम न करने के बहाने बनाते हैं। मैं इस कारण काम नही कर सकता मैं उस कारण काम नही कर सकता मुझे ये परेशानी है मुझे वो परेशानी है। मुझे दोस्त के जीजा की बहन की शादी में जाना है ना जाने कितने ही बहाने अगर काम न करने के बहाने बना सकते तो कम करने के भी बहाने बना सकते तो।
आपको कितनी भी ठोकर लगे आप बस काम करने का बहाना बनाना आना चाहिए। आज भी दुनिया में लोग बस इसी बात जलता है कि ये आदमी इतनी ठोकर खा के भी सीधा कैसे चलता हैं। सबको केवल ठोकर मारना अच्छा लगता है उठा कर या साथ दे कर कोई नही चलता हैं।
श्री कृष्ण ने ये बात कई साल पहले अर्जुन को बताई थी। आज ये बात बताने के लिए दुबारा जन्म नही लेंगे लेकिन भगवत गीता से हम ये सब आज भी सीख सकते है। औऱ जीवन में अपने अपने युद्ध (लक्ष्य)जीत सकते हैं।
दोस्तों, ‘आपको हमारा यह आर्टिकल सिर्फ काम शुरू करने को ही काम करना नही कहते। Best Success Motivational Story in Hindi. कैसा लगा आप हमें कमेंट करके बताए और हमारे इस आर्टिकल को शेयर और लाइक करना ना भूले|
Follow Us-
Facebook :– Click Here
Twitter :– Click Here
Instagram :– Click Here
Thanks for Reading
Sanjana Singh
57. शाहरुख खान की जीवनी| Best Shahrukh khan Biography in Hindi. 10. लता मंगेशकर की जीवनी|Best Lata Mangeshkar Biography in Hindi. 58. इरफान खान की जीवनी| Best Irfan khan Biography in Hindi. 59. निर्मला सीतारमण की जीवनी| Best Nirmala Sitharaman Biography in Hindi. 81. रणवीर सिंह की जीवनी| Best Ranveer Singh Biography in Hindi. 83. आलिया भट्ट की जीवनी| Best Alia Bhatt Biography in Hindi.