

गुरु नानक जयंती क्यां हैं? और इसका महत्व क्या हैं?
गुरु नानक(Guru Nanak) जी सिखों के प्रथम गुरु माने जाते हैं| इनको गुरु नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानक शाह जैसे नामो से जाना जाता हैं| गुरु नानक जी अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त, और विश्वबंधु ये सभी गुण उनमें थे|
कई सारे लोगों का मानना यह हैं कि गुरु नानक जी एक सूफी संत भी थे और उनके सूफी होने के प्रमाण समय समय पर लगभग सभी इतिहासकारों में दिए जाते हैं|
गुरु नानक देव की जीवनी| Best Guru Nanak Dev Biography in Hindi.
गुरु नानक जी का जीवन परिचय-
गुरु नानक जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव में कार्तिक मास की पूर्णिंमा को हुआ था| कई विद्वानों का मानना हैं कि गुरु नानक जी का जन्म 14 अप्रैल 1469 में हुआ था| लेकिन ज्यादातर लोग कार्तिक पूर्णिंमा की तिथि को ही मानते हैं, जो अक्टूबर और नवंबर में दिवाली के 15 दिन बाद पड़ती हैं|
माता जी का नाम | श्रीमति तृप्ता जी |
पिता जी का नाम | श्री कल्याणचंद या मेहता कालू चंद जी |
बड़ी बहन का नाम | बेबे नानकी जी |
तलवंडी का नया नाम | नानक जी के नाम पर ननकाना पड़ा |
पत्नी का नाम | सुखमणि जी |
गुरु नानक जी के दोनों पुत्रों के नाम | पुत्र श्रीचंद और पुत्र लखमीदास जी |
बचपन से इनका मन आध्यात्मिक भावों से जुड़ा रहता था| पढ़ने लिखने में इनका मन नहीं लगा| 7-8 साल की उम्र में ही इनकी पढाई छूट गयी क्योंकि भगवत्प्रापति के संबंध में इनके प्रश्नों के आगे अध्यापक ने हार मान ली तथा वे इन्हे सम्मान के साथ घर छोड़ने आ गए|
इसके बाद वह सारा समय आध्यात्मिक चिंतन और सत्संग में व्यतीत करने लगे| बचपन में ही इनके साथ कई चमत्कारिक घटनाएं घटी जिन्हे देखकर गांव के लोग इन्हे दिव्य व्यक्तित्व मानने लगें| नानक जी अपने चार दोस्तों को लेकर तीर्थ यात्रा पर चले गए|
वह कहते थे कि परमात्मा एक हैं | हमेशा ईश्वर की पूजा करो | वह सभी जगह हैं और सब मे मौजूद हैं | उस ईश्वर की भक्ति करने वालो को किसी का भय नहीं होता | मेहनत और ईमानदारी से कमाई करके जरूरतमंदो की सहायता करो | वह कहते हैं कि स्त्री और पुरूष सब एक हैं|
मृत्यु:-
जीवन के अंतिम दिनों में इनकी प्रसिद्धि बढ़ती गयी और उनके विचरों में भी परिवर्तन हुआ| इसके बाद ये स्वयं अपने परिवार वालों के साथ रहने लगें और मानवता की सेवा में समय बिताने लगें| उन्होंने कतरापुर नामक गांव में अपना एक नगर बसाया, जो अब पाकिस्तान में हैं
और एक बड़ी धर्मशाला उसमे बनवाई|इसी स्थान पर गुरु नानक देव 22 सितम्बर1539 में परलोकवासी हो गए| मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी घोषित किया, जो बाद में गुरु अंगद देव के नाम से जाने जाते हैं|
क्यों मनाया जाता हैं गुरु नानक जयंती?
गुरु नानक जी के जन्म दिवस को ही गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता हैं| गुरु नानक देव सिखों के प्रथम गुरु थे| इनका जन्म राइ भोय तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में हैं| इनके जन्म दिवस को प्रकाश-उत्सव भी कहते हैं| यह कार्तिक पूर्णिंमा के शुभ अवसर पर मनाया जाता हैं|
सिख श्रद्धालु इस दिन बहुत ही धूम- धाम से मनाते हैं| गुरु नानक जयंती उनके लिए दीवाली जैसा ही पर्व होता हैं| इस दिन गुरुद्वारों में शब्द-कृतन किये जाते हैं| जगह-जगह पर लंगरों का आयोजन किया जाता हैं और गुरवाणी का पाठ भी किया जाता हैं| गुरु नानक जी बहुत ही अच्छे इंसान थे, उन्होंने अपना पूरा जीवन परोपकार और दीन-दुखियो के सेवा में लगा दिया|
गुरु नानक जयंती का महत्व क्या हैं?
गुरु नानक जयंती बहुत ही श्रद्धा और भाव के साथ मनाया जाता हैं| गुरुद्वारों में विशेष रूप से इसका आयोजन किया जाता हैं| पूजा अर्चना की जाती हैं| जुलूस और शोभा यात्रा निकाली जाती हैं| इस जुलूस में हाथी,घोड़ों आदि के साथ नानक देव जी के जीवन से सम्बंधित झांकियां बैंड-बाजों के साथ निकाली जाती हैं| गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन , सत्संग , प्रवचन के साथ-साथ लंगर का आयोजन होता हैं, जिसमें बड़ी संख्या में लोग लंगर खिलाते और खाने के लिए आते हैं|
सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के जन्म दिन पर विशाल नगरों में कीर्तन किया जाता हैं| इस दौरान पाँच सुंदर नगर कीर्तन की अगुवाई करते हैं| श्री गुरुग्रंथ को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर सुशोभित करके कीर्तन विभिन्न जगहों से होता हुआ गुरुद्वारा पहुँचता हैं| इस दिन प्रभातफेरी निकली जाती हैं|
इस दिन गुरूद्वारे के सेवादर संगत को गुरु नानक जी के बताए हुए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं, कहते हैं कि श्री गुरु नानकदेव महाराज महान युग पुरुष थे| गुरु नानक देव जी कहते हैं कि भगवान एक ही है और जहाँ भगवान हर जगह खुद उपस्थित नहीं हो सकते इसीलिए उन्होंने गुरु बनाया हैं जो हर जगह है
और हमें अच्छी बातों और सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हैं| जहाँ गुरु होते हैं वो स्थान पवित्र हो जाता हैं| नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन समाज में व्याप्त बुराइओं को को दूर करने में समर्पित कर दिया| ऐसे महान पुरुषों की आज के समय में बहुत जरुरत हैं|
गुरु नानक जी की कविताए
गुरु नानक जी एक अच्छे सूफी कवि थे| उनके भावुक और कोमल हृदय ने प्रकृति से एकात्मक होकर जो अभिव्यक्ति की हैं| उनकी भाषा “बहती नीर” हैं| जिसमे फ़ारसी,पंजाबी,मुल्तानी,सिंधी,अरबी,खड़ी बोली, के शब्द समाएं हुए हैं|
उनकी कविताओं के कुछ प्रमुख नाम:-
- गुरु नानक जी करमजीत सिंह गथवाला
- गुरु नानक जी दुनिआं करदी-करमजीत सिंह गथवाला
- गुरु नानक शाह- नज़ीर अकबराबादी
- गुर नानक दा थी-भाई वीर सिंह
- गुर नानक आइए- भाई वीर सिंह
- पीर नानक- बाबू फ़िरोज़ दिन शराफ
- हारे- बाबू फ़िरोज़ दिन शराफ
दुनिया में किसी भी व्यक्ति को
भ्रम में नहीं रहना चाहिए
बिना गुरु के कोई भी दूसरे
किनारे तक नहीं जा सकता हैं
गुरु नानक देव की जीवनी| Best Guru Nanak Dev Biography in Hindi.
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Sanjana Singh
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